कुछ ना कुछ तो होगा कल मे।
तभी तो हम जी रहै ईस पल मे।
कुछ नही है बस एक आशा है।
ईसने हमारी जीने की वजह को तराशा हे।
दुख से शुरू हुआ आज अगर।
सुख से शुरू कल होगा मगर!
कुछ नही है बस एक आशा है।
ईसने हमारी जीने की वजह को तराशा हे।
किस्मत मेरी मुझे कितना भी नीचे गिरा दे कहीं,
पर मेहनत मेरी मुझे उतना ही उपर उठायेगी ही सही।
कुछ नही है बस एक आशा है।
तभी तो हम जी रहै ईस पल मे।
कुछ नही है बस एक आशा है।
ईसने हमारी जीने की वजह को तराशा हे।
दुख से शुरू हुआ आज अगर।
सुख से शुरू कल होगा मगर!
कुछ नही है बस एक आशा है।
ईसने हमारी जीने की वजह को तराशा हे।
भुखा मे आज उठ रहॉ हु कही।
पर भर पेट कर मे सोउंगा ही सही।
कुछ नही है बस एक आशा है।
ईसने हमारी जीने की वजह को तराशा हे।
किस्मत मेरी मुझे कितना भी नीचे गिरा दे कहीं,
पर मेहनत मेरी मुझे उतना ही उपर उठायेगी ही सही।
कुछ नही है बस एक आशा है।
ईसने हमारी जीने की वजह को तराशा हे।
Sandeep rathour
Sandeep rathour
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